Saturday, August 6, 2011

तोहफा माँ के लिए

तेरे होने से है ज़िन्दगी में बहार
तेरा आँचल थामे किया है ज़िन्दगी की हर ऋतू को पार
चांदनी जैसा कोमल तेरा स्पर्श है
है तुझ में सागर सी अथाह गहराई

ममता का तू संसार है,है तेरी हँसी में एक सच्चाई
बंद निगाहों में जो चमकीले सपने हैं तेरे
टूटने न दूंगा , करूँगा वो सब पूरे
एक दिन खुशियों की बरसात करूँगा है वादा मेरा
आखिर मै हूँ बादल तेरा

जब गुंचा बंधा है अल्फाजो का
तो क्यों न करूँ तेरा रूप बयाँ
कुदरत की तू नियामत है, यह जग है तुझसे गुलशन
तेरी छाया है हम दोनों में , तभी हम भी तो हैं रोशन
परियों से दोस्ती तुमने करवाई
ज़िन्दगी जीने की हर कला सिखाई
मिला है मुझे सब कुछ तुमसे, इबादत करूँ तो वो भी कम है तेरी
तोहफा ये कुबूल करो
एक मुस्कान देने की छोटी सी कोशिश है मेरी

2 comments:

  1. bahut hi sundar tohafa hai... us tohafe ke liye jo hame bhagwaan ne diya... ya kahiye bhagwaan ka doosra roop hai jo...

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  2. simply awesumlyyyy awesomeeeee :)

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